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हस्तरेखा शास्त्र में विष्णु रेखा का महत्व: जानिए इसके प्रभाव और फल

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हस्तरेखा शास्त्र में विष्णु रेखा का महत्व: जानिए इसके प्रभाव और फल

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हाथ की रेखाएं किसी व्यक्ति के भविष्य, स्वभाव, करियर, विवाह, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति के बारे में बहुत कुछ बताती हैं। इन रेखाओं के साथ-साथ हथेली की आकृतियां, चिन्ह, तिल और निशान भी भविष्यफल निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इन्हीं रेखाओं में से एक मानी जाती है विष्णु रेखा, जिसे बहुत ही शुभ और भाग्यशाली रेखा माना गया है। जिन लोगों के हाथ में यह रेखा पाई जाती है, वे जीवन में सफलता, सम्मान और समृद्धि प्राप्त करते हैं। कहा जाता है कि ऐसे लोग जन्म से ही भाग्यशाली होते हैं।

हथेली में विष्णु रेखा की पहचान

जब किसी व्यक्ति की हथेली में हृदय रेखा से एक रेखा निकलकर गुरु पर्वत (हथेली के ऊपरी भाग, तर्जनी अंगुली के नीचे का क्षेत्र) की ओर जाती है और ऐसा प्रतीत होता है कि हृदय रेखा दो भागों में विभाजित हो गई है, तो इसे विष्णु रेखा कहा जाता है।

यदि यह दोनों रेखाएं स्पष्ट और गुरु पर्वत तक पहुंचती हैं, तो ऐसे व्यक्ति को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

  • उसे अपार धन-संपत्ति, प्रसिद्धि और सम्मान मिलता है।
  • जीवन में कठिनाइयां बहुत कम आती हैं।
  • उसे हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
  • समाज में उसे प्रतिष्ठा और प्रभाव प्राप्त होता है।
छोटी विष्णु रेखा का प्रभाव

यदि विष्णु रेखा की लंबाई कम हो, तो भी यह शुभ मानी जाती है, लेकिन इसका फल थोड़ा सीमित होता है।

  • ऐसे व्यक्ति को सफलता और समृद्धि तो मिलती है, लेकिन इसमें समय लग सकता है।
  • उन्हें जीवन में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • हालांकि, उनका वैवाहिक जीवन प्रायः सुखमय रहता है।
  • ये लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं और सदाचारी माने जाते हैं।

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