भारत ने बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में हिंदू समुदाय के प्रमुख नेता भावेश चंद्र रॉय की नृशंस हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कहा है कि वह बहाने बनाना बंद करे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से भागना बंद करे।
‘बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अपनी जिम्मेदारियां निभानी चाहिए’
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भावेश चंद्र रॉय के अपहरण और नृशंस हत्या से हम दुखी हैं।” यह घटना बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों की श्रृंखला का हिस्सा प्रतीत होती है, जबकि पुराने मामलों के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं।
उन्होंने आगे लिखा, ‘हम इस नृशंस हत्या की निंदा करते हैं और एक बार फिर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने या भेदभाव के हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी करे।’
भावेश चंद्र रॉय का अपहरण कर हत्या कर दी गई।
ढाका से लगभग 330 किमी. उत्तर-पश्चिम में दिनाजपुर के बासुदेवपुर गांव निवासी भावेश चंद्र रॉय (58) का शव गुरुवार (17 अप्रैल) रात को मिला। भावेश चंद्र रॉय को शाम करीब साढ़े चार बजे फोन आया कि अपराधियों ने घर में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। करीब 30 मिनट बाद दो बाइकों पर सवार चार लोग आए और उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
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