News India Live, Digital Desk: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों को एक बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है। नक्सलियों ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की नीयत से जो हथियार और विस्फोटक जमीन के नीचे छिपाकर रखे थे, पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला है। यह बरामदगी नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।यह कार्रवाई जिले के गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र के मेझियाबांधा गांव के पास पहाड़ी जंगलों में की गई। सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि इस इलाके में नक्सलियों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद छिपा रखा है।ऐसे चला पूरा ऑपरेशनइस खुफिया जानकारी के आधार पर सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन और जिला पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाई गई और पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। घंटों की मशक्कत के बाद, टीम को एक चट्टान के नीचे गुफा जैसी जगह मिली, जिसे बड़ी चालाकी से छिपाया गया था। जब जवानों ने उसे खोला, तो अंदर का नजारा देखकर वे भी हैरान रह गए।क्या-क्या मिला 'मौत के सामान' में?नक्सलियों ने इस गुप्त ठिकाने को एक छोटे-मोटे हथियार डिपो की तरह बना रखा था। यहां से जो सामान मिला है, वह किसी बड़ी तबाही मचाने के लिए काफी था। बरामद हुए सामान में शामिल हैं:14 पाइप बम (IED): ये सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।इंसास LMG की 6 मैगजीन69 जिंदा कारतूस2 देसी पिस्तौल10 इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटरकरीब 50 मीटर कोडेक्स वायर (बम बनाने में इस्तेमाल होने वाला तार)1 किलो बारूदमाओवादी साहित्य, बैग, रेडियो और टॉर्चजिला पुलिस अधीक्षक (SSP) ने इस बरामदगी की पुष्टि करते हुए इसे टीम की एक बड़ी कामयाबी बताया है। जाहिर है, इन हथियारों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों पर हमला करने या किसी बड़ी हिंसक घटना को अंजाम देने के लिए किया जाना था। लेकिन समय रहते पुलिस की इस कार्रवाई ने नक्सलियों के खतरनाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है। कोल्हान-सारंडा के इस इलाके में चलाया जा रहा नक्सल विरोधी अभियान लगातार रंग ला रहा है।
You may also like
अमन के दीप कार्यक्रम आयोजित
अयोध्या में जीवंत हुआ त्रेता युग, मुख्यमंत्री योगी ने किया प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक
'शुरुआत में रन बनाना आसान नहीं था,' भारत के खिलाफ शतक लगाने के बाद बोलीं हिदर नाइट
निकाह से पहले ससुर ने बहू का देखा कुछ ऐसा` की फटी रह गई आखें कहानी पढ़कर दहल जाएगा दिल
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में हुआ सीजफायर, 25 अक्टूबर को तुर्किए में हो सकती है अगली वार्ता