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Nobel Prize In Chemistry 2025 : सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी को रसायन विज्ञान का नोबेल

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नई दिल्ली। सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी को ‘धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास’ (डेवलपमेंट ऑफ मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क) संबंधी खोज के लिए रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के इन तीन वैज्ञानिकों ने एक नई तरह की आणविक संरचना के विकास से जुड़ी एक बहुत ही महत्वपूर्ण शोध किया। सुसुमु कितागावा ने दिखाया कि गैसें संरचनाओं के अन्दर और बाहर प्रवाहित हो सकती हैं और धातु-कार्बनिक ढांचे (एमओएफ) को लचीला बनाए जा सकने की भविष्यवाणी की।

उमर एम. याघी ने एक बहुत ही स्थिर एमओएफ बनाया और दिखाया कि इसे तर्कसंगत डिजाइन का उपयोग करके संशोधित किया जा सकता है, जिससे इसे नए और वांछनीय गुण मिल सकते हैं। रिचर्ड रॉबसन ने आणविक संरचना की क्षमता को तुरंत पहचान लिया, लेकिन यह अस्थिर थी और आसानी से ढह जाती थी। हालांकि, सुसुमु कितागावा और उमर यागी ने इस निर्माण पद्धति को एक मजबूत आधार प्रदान किया और 1992 और 2003 के बीच, उन्होंने अलग-अलग, कई अहम खोजें कीं। आपको बता दें कि 1989 में, रसायन विज्ञान के पुरस्कार विजेता रिचर्ड रॉबसन ने परमाणुओं के अंतर्निहित गुणों का एक नए तरीके से उपयोग करने का परीक्षण किया था। उन्होंने धनावेशित कॉपर आयनों को एक चार भुजाओं वाले अणु के साथ संयोजित किया, इसमें एक रासायनिक समूह था जो प्रत्येक भुजा के सिरे पर कॉपर आयनों की ओर आकर्षित होता था। जब ये दोनों जुड़ गए, तो एक सुव्यवस्थित, विशाल क्रिस्टल का निर्माण हुआ। यह असंख्य गुहाओं से भरे हीरे जैसा था।

पिछले साल 2024 में वैज्ञानिक डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को केमिस्ट्री के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। डेविड बेकर को ‘कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए’ जबकि डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को संयुक्त रूप से ‘प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी के लिए’ यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया था।

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