उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में सड़कों और ट्रेनों की कनेक्टिविटी में सुधार हो रहा है। इससे सूबे के चार शहरों में ट्रेन यात्रा करना और भी सरल हो जाएगा। अब दिल्ली एनसीआर के चार शहरों से यात्रा करने वाले लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे लोगों का समय बचेगा और भागदौड़ कम होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए गाजियाबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है।
एनसीआर का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन का महत्व
दिल्ली एनसीआर में गाजियाबाद रेलवे स्टेशन को दूसरे सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के रूप में जाना जाता है। यह स्टेशन दिल्ली-हावड़ा लाइन पर स्थित है, जहां से 400 ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें से लगभग 200 ट्रेनें यहां रुकती हैं। स्टेशन के पुनर्विकास से आस-पास के क्षेत्रों को काफी लाभ होगा। रेलवे ने इस पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है और स्टेशन का बेसमेंट भी तैयार हो चुका है।
चार शहरों को मिलेगा लाभ
गाजियाबाद स्टेशन का पुनरुद्धार
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास से उत्तर प्रदेश के चार शहरों के निवासियों को सबसे अधिक लाभ होगा। इनमें गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ट्रांस हिंडन शामिल हैं। स्टेशन पर सुविधाओं की कमी के कारण लोग अक्सर दिल्ली से ट्रेन पकड़ते हैं, जिससे उन्हें 30 से 40 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। स्टेशन के पुनर्विकास से यहां सुविधाएं बढ़ेंगी और ट्रेनों का ठहराव भी बढ़ेगा।
दिल्ली की तर्ज पर होगा स्टेशन का विकास
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन का नया रूप
भविष्य में गाजियाबाद रेलवे स्टेशन भी दिल्ली की तरह आकर्षक दिखाई देगा। इसके पुनर्विकास पर लगभग 450 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इस बजट से स्टेशन के प्लेटफॉर्म, वेटिंग रूम, टिकट बुकिंग कक्ष, लिफ्ट, एस्कलेटर, आने-जाने के रास्ते, पार्किंग, टॉयलेट, फूड कोर्ट और यात्रियों की अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
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