Next Story
Newszop

घर के पूजा स्थल में कौन सी मूर्तियाँ नहीं होनी चाहिए? जानें महत्वपूर्ण बातें

Send Push
मूर्ति पूजा का महत्व


ज्योतिष: हिन्दू धर्म में मूर्तियों की पूजा का विशेष महत्व है। शास्त्रों में यह बताया गया है कि किस देवता की मूर्ति की पूजा करने से क्या लाभ होता है। उदाहरण के लिए, भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है, जबकि हनुमान जी के संजीवनी बूटी पर्वत वाले रूप की पूजा से बल मिलता है। मूर्ति की धातु का चयन भी महत्वपूर्ण होता है।


हर हिन्दू घर में मंदिर और विभिन्न मूर्तियाँ होती हैं, जो धार्मिक या व्यक्तिगत कारणों से स्थापित की जाती हैं। हालांकि, मूर्तियों का चयन करते समय कुछ गलतियाँ हो सकती हैं, जो भविष्य में समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं। वास्तु शास्त्र पूजा घर के लिए कई नियम बताता है, जैसे कि पूजा स्थल की सफाई, अंधेरा न होना, और खंडित मूर्तियाँ न होना। इसके अलावा, कुछ मूर्तियाँ पूजा स्थल पर रखना वर्जित माना जाता है।


कौन सी मूर्तियाँ नहीं होनी चाहिए? 1. नटराज

नटराज भगवान शिव का एक रूप हैं, लेकिन यह रौद्र रूप है। जब भगवान शिव क्रोधित होते हैं, तब वे इस रूप में आते हैं। इस मूर्ति को घर में लाना अशांति का कारण बन सकता है।


2. भैरव देव

भैरव देव भी भगवान शिव के रूप हैं, लेकिन ये तंत्र विद्या के देवता माने जाते हैं। इनकी पूजा घर के बाहर करनी चाहिए, इसलिए इन्हें घर के मंदिर में स्थापित नहीं करना चाहिए।


3. शनि देव

शनि देव की पूजा के लिए विशेष नियम होते हैं। इनकी पूजा सूर्य अस्त होने के बाद की जाती है और इन्हें घर के भीतर नहीं, बल्कि बाहर पूजा स्थल पर रखना चाहिए।


4. राहु-केतु

ज्योतिष के अनुसार, राहु और केतु पापी ग्रह माने जाते हैं। इनकी पूजा केवल ज्योतिष उपायों के लिए घर के बाहर की जानी चाहिए, घर में इनकी मूर्तियाँ रखना अशुभ माना जाता है।


Loving Newspoint? Download the app now