इंटरनेट डेस्क। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच मित्रता का सेतु बनना चाहिए, न कि युद्ध का अखाड़ा। श्रीनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने हमेशा युद्ध और हिंसा का दंश झेला है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी शांति के लिए आवाज़ उठाना जारी रखेगी और लोगों की भावनाओं को समझेगी। हमें युद्ध के डर को खत्म करना चाहिए ताकि लोग अपने जीवन की योजना बना सकें और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर सकें। जम्मू और कश्मीर को युद्ध का रंगमंच नहीं, बल्कि समझ, दोस्ती और सहयोग का पुल होना चाहिए।
पाकिस्तान सरकार के साथ राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन...महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी नेताओं द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ़ सैन्य कार्रवाई को तेज़ करने के आह्वान पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि इस तरह के बयान एक ख़तरनाक मानसिकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था, तो यह (जम्मू और कश्मीर) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला थे जिन्होंने इस कदम की सराहना की और पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति को तत्काल रोकने की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि हमारे पाकिस्तान सरकार के साथ राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उसके लोगों के साथ नहीं। यह दुखद है कि देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के नेता द्वारा ऐसी टिप्पणी की जा रही है।
बयानबाजी के बढ़ते ज्वार के खिलाफ भी दी चेतावनी
मुफ्ती ने युद्ध की बयानबाजी के बढ़ते ज्वार के खिलाफ भी चेतावनी दी, जो उनके अनुसार, क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करना जारी रखता है। उन्होंने कहा कि ये नेता अधिक युद्ध और अधिक शव चाहते हैं। हालांकि, केवल पीडीपी ही है जिसने लगातार शत्रुता को समाप्त करने की वकालत की है और लोगों के सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार के लिए बात की है।
PC : hindustantimes
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