इंटरनेट डेस्क। शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका का आखिरी दिन था। न्यायमूर्ति ओका ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा उनके लिए आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत में देश के विभिन्न हिस्सों से न्यायाधीश हैं और यह प्रतिबिंबित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय वर्तमान में एक मुख्य न्यायाधीश-केंद्रित न्यायालय है और इसमें बदलाव की जरूरत है।
विभिन्न हिस्सों से करीब 34 जज हैं और यह बदलाव...श्रीनिवास ओका ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश-केंद्रित कोर्ट है और इसमें बदलाव की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 34 जज हैं और यह बदलाव दिखना चाहिए। जस्टिस ओका ने यह भी भरोसा जताया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के कार्यकाल में यह बदलाव दिखेगा। लाइव लॉ के अनुसार, उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि नए सीजेआई के साथ आप यह बदलाव देखेंगे। तीसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ओका ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय एक ऐसा न्यायालय है जो संवैधानिक स्वतंत्रता और संविधान निर्माताओं के सपनों को कायम रख सकता है।
संविधान निर्माताओं का सपना था ये
श्रीनिवास ओका ने कहा कि मेरा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय जो संवैधानिक स्वतंत्रता को कायम रख सकता है, और यह मेरा विनम्र प्रयास रहा है, और मुझे यकीन है कि सामूहिक प्रयास किए जाएंगे, यह न्यायालय स्वतंत्रता को कायम रखना जारी रखेगा, क्योंकि यह संविधान निर्माताओं का सपना था, और ऐसा करने का मेरा ईमानदार प्रयास था। सीजेआई गवई ने न्यायमूर्ति ओका की भी प्रशंसा की और व्यक्तिगत त्रासदी के बावजूद उनके अथक कार्य नैतिकता की प्रशंसा की।
PC : abpnews
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