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'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते समय न करें ये आम गलतियां, वीडियो में जानिए स्त्री और पुरुषों के लिए अलग-अलग नियम ?

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सावन मास भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से व्यक्ति को हर दर्द और कष्ट से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिवपुराण के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, शमी पत्र, शहद, दही, पंचामृत, भस्म आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन अगर आप ये सब नहीं कर पाते हैं तो सिर्फ एक लोटा जल विधिपूर्वक अर्पित करें। ऐसा करने से आपको हर दर्द और कष्ट से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही सावन में भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र यानी 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव के इस प्रिय मंत्र का जाप पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीकों से करना चाहिए। इससे भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने महाशिव पुराण की कथा सुनाते हुए विस्तार से बताया है कि किस तरह से स्त्री-पुरुषों को 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए...


शिव के इस पंचाक्षर मंत्र से ब्रह्मांड के पांच तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है। ॐ नमः शिवाय की पांच ध्वनियां ब्रह्मांड में मौजूद पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं। भगवान शिव को ब्रह्मांड का रचयिता माना जाता है। 'ॐ नमः शिवाय' में 'न' पृथ्वी, 'मः' जल, 'शि' अग्नि, 'वा' प्राणवायु और 'या' आकाश को दर्शाता है। शिवपुराण के अनुसार शिव ने स्वयं पार्वती जी को इस मंत्र के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि कलियुग में यह मंत्र सभी पापों और कष्टों को दूर करने में कारगर साबित होगा।

पुरुषों को इस तरह करना चाहिए शिव मंत्र का जाप
शिवपुराण के अनुसार पुरुष जब इस शिव मंत्र का जाप करें तो वे षडाक्षर से शुरू कर सकते हैं यानी सीधे 'ॐ नमः शिवाय:' कह सकते हैं। इसके साथ ही इस मंत्र का 11, 21, 108 बार जाप करें।

महिलाओं को इस प्रकार 'ॐ नमः शिवाय:' का जाप करना चाहिए
जब महिलाएं इस मंत्र का जाप करेंगी तो वे पंचाक्षर से शुरू होकर षडाक्षर तक जाएंगी। इसलिए जब भी महिलाएं 'ॐ नमः शिवाय:' मंत्र का जाप करें तो उन्हें 'ॐ नमः शिवाय: ॐ नमः शिवाय:' कहकर इसकी शुरुआत करनी चाहिए।

ॐ नमः शिवाय का महत्व:
ॐ नमः शिवाय एकाक्षरी मंत्र है जो तीन गुणों अर्थात भूत, सर्वज्ञ और सर्वकर्ता से विख्यात है, जो केवल भगवान शिव ही हैं। स्कंद पुराण के अनुसार 'ॐ नमः शिवाय' महामंत्र मोक्ष प्रदान करने वाला है। इसे पापों का नाश करने वाला और अलौकिक सुख देने वाला माना जाता है। इस मंत्र के जाप मात्र से ही भगवान शिव अति प्रसन्न हो जाते हैं। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से किया जाता है।

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