रविवार, 6 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा। चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। मान्यता है कि रामलला का जन्म रामनवमी के दिन दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। रामनवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7.27 बजे से शुरू होकर 6 अप्रैल को शाम 7.24 बजे तक रहेगी। उदया तिथि होने के कारण 6 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। रामनवमी पर घर में ही रामलला की पूजा की जा सकती है। रामलला और राम दरबार की मूर्तियों को जल और पंचामृत से स्नान कराएं। चंदन, रोली, अक्षत लगाएं। फूल, फल और नैवेद्य चढ़ाएं। धूप-दीप दिखाएं। भगवान राम के मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि रामनवमी के दिन जप, तप, हवन-यज्ञ, पूजा आदि करने से लाभ मिलता है। भगवान राम अपने भक्तों के संकट दूर करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं रामनवमी के उपाय।
शत्रुओं का नाश करने के लिए 11 बार करें राम रक्षा स्तोत्र का पाठ
राम नवमी के दिन 11 बार राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से संकट दूर होते हैं। शत्रुओं का नाश होता है। मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और कार्य सिद्ध होते हैं। कहा जाता है कि राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति के चारों ओर सुरक्षा कवच बन जाता है। भगवान स्वयं उसकी रक्षा करते हैं। मान्यता है कि राम रक्षा स्तोत्र की रचना ऋषि कौशिक ने की थी। इसका पाठ करने से नौ ग्रहों के बुरे प्रभावों से भी रक्षा होती है।
बालकांड का पाठ करें, महापीड़ा से मिलेगी मुक्ति
राम नवमी के पावन अवसर पर रामचरित मानस के बालकांड का पाठ करने का विशेष महत्व है। बालकांड में श्री राम के बाल चरित्र का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें भगवान के जन्म से लेकर विवाह तक की घटनाओं का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि बालकांड का पाठ करने से महापीड़ा और ग्रहपीड़ा से मुक्ति मिलती है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से ग्रह दोष दूर होगा
राम नवमी के दिन रात्रि जागरण करें और रात भर में यथासंभव विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार हैं और भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं। ऐसे में उनकी पूजा का अपना अलग ही महत्व है। विष्णु सहस्रनाम में भगवान विष्णु के 1000 नाम हैं। इन्हीं से उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से सभी पाप और भय दूर होते हैं। कुंडली में व्याप्त ग्रह दोष शांत होते हैं। घर में सौभाग्य और खुशहाली आती है।
राम जी के नाम से हवन करें, दशावतार स्तोत्र का पाठ करें
राम नवमी के दिन खीर, शहद, मालपुए आदि से हवन करें। इस दौरान भगवान राम का नाम जपें। साथ ही दशावतार स्तोत्र का पाठ भी करें। इस स्तोत्र में भगवान विष्णु के सभी 10 अवतारों की विशेषता बताई गई है। कहते हैं कि दशावतार स्तोत्र का पाठ करने वाले के पास विपत्ति नहीं आती। भगवान स्वयं उसकी रक्षा करते हैं।
राम नाम लिखकर तुलसी की माला चढ़ाएं, शनि-राहु दोष दूर होगा
कहते हैं कि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। चूंकि भगवान राम विष्णु जी के अवतार हैं और उनका जन्म रामनवमी के पावन दिन हुआ था, इसलिए तुलसी के उपाय से भगवान प्रसन्न हो सकते हैं। तुलसी के 108 पत्तों पर राम नाम लिखें। फिर उन्हें एक माला में पिरोएं। किसी भी मंदिर में जाकर राम जी की मूर्ति पर यह माला चढ़ाएं। इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही शनि और राहु का दोष भी दूर होता है।
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