स्थानीय प्रखंड के ओजबरवन गांव स्थित ऐतिहासिक बौद्धनाथ शिव मंदिर के समीप स्थित तालाब आज सरकारी उदासीनता व नियोजनहीनता का जीता जागता उदाहरण बन गया है। झील के चारों ओर मनरेगा के तहत लगभग 9 लाख रुपये की लागत से पक्के ब्लॉक और बेंच लगाए गए। इसके बाद सांसद निधि से करीब पांच लाख रुपये की लागत से घाट भी बनवाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना तथा गांव की रौनक बढ़ाना था, लेकिन वर्तमान में यह झील पूरी तरह सूख चुकी है। पानी की जगह धूल और घास ने ले ली है।
You may also like
प्रधानमंत्री दतिया में 31 मई को करेंगे एयरपोर्ट की वर्चुअली लोकार्पण
बांग्लादेश टीम की हुई जमकर फजिहत, यूएई ने अपने क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार किया ये कारनामा
खरमास के दौरान क्या न करें: जानें महत्वपूर्ण नियम और पूजा विधि
उत्तर प्रदेश में पुष्पेंद्र यादव के एनकाउंटर के बाद पत्नी ने की आत्महत्या
फैट वॉलेट सिंड्रोम: भारी पर्स रखने से होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं