राजस्थान के जोधपुर में पर्याप्त व्यवस्था न होने और गर्मी के महीनों में बंद रहने के कारण शहर में पेयजल की किल्लत बढ़ती जा रही है। शहर के कई प्रभावित इलाकों में लोगों की प्यास सिर्फ टैंकरों से ही बुझाई जा रही है। शहर के आसपास की बस्तियों के अलावा शहर के कई प्रमुख इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित हो रही है। हालांकि, शहर के लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए पीएचईडी के पास कोई आकस्मिक योजना नहीं है।
शहर की मसूरिया, बलदेव नगर, जगदंबा कॉलोनी, लाला लाजपत कॉलोनी समेत कई कॉलोनियों के हजारों लोग इन दिनों पानी के लिए तरस रहे हैं। अनियमित जलापूर्ति और कम दबाव के कारण अब यहां लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पानी को लेकर पहले भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, विभाग आगे कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
पानी में कटौती करें, लेकिन बिल में नहीं
बंद को देखते हुए पीएचईडी ने सात महीने पहले बंद शुरू कर दिया था। पहले महीने में 15 दिन पानी की आपूर्ति होती थी। फिर कटौती बढ़ी तो महीने में 12 बार पानी आने लगा, लेकिन अब स्थिति यह है कि पीएचईडी सप्ताह में एक बार बंद हो रहा है। इस हिसाब से लोगों को महीने में केवल 11 बार ही पानी की आपूर्ति हो रही है। इसके बाद भी पीएचईडी द्वारा पूरा बिल वसूला जा रहा है। अब लोग इस बात से नाराज हैं।
कमी के साथ दबाव भी कम हो जाता है।
पीएचईडी द्वारा की गई कटौती के कारण अब पानी का दबाव पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके कारण जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। कई जगहों पर लोग बूस्टर लगाकर पानी निकाल रहे हैं। इसके कारण कई स्थानों पर पानी अंतिम बिन्दु तक नहीं पहुंच पाता। लोगों के अनुसार पहले दो घंटे ही पानी मिलता था। अब तो इसमें भी 45 मिनट से एक घंटे का समय लग रहा है। इसके कारण लोगों के घरों में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
You may also like
अब संभव है सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार : आचार्य बालकृष्ण
माकपा ने मुर्शिदाबाद दंगों की न्यायिक जांच की मांग की
मुर्शिदाबाद हिंसा : भाजपा नेता अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की
अधीनस्थ विधान संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य सिक्किम पहुंचे, 26 अप्रैल तक रहेंगे दौरे पर
RCB ने पंजाब को चखाया हार का स्वाद, शानदार प्रदर्शन कर पिछली हार का लिया बदला