नई दिल्ली, 29 अप्रैल . स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत गाजियाबाद (उप्र) ने देश के पहले प्रमाणित ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड को सफलतापूर्वक जारी करके संधारणीय बुनियादी ढांचे और शहरी लचीलेपन को बढ़ावा देने में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. इससे अत्याधुनिक तृतीयक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) के विकास के लिए 150 करोड़ जुटाए गए हैं.
आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि यह सिर्फ़ एक और बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं बल्कि एक गेम-चेंजर है, जो गाजियाबाद की अपने नागरिकों के लिए एक संधारणीय भविष्य बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. निधियों को एक उन्नत टीएसटीपी के विकास की दिशा में निर्देशित किया गया है, जो एक अत्याधुनिक सुविधा है. इसे अभूतपूर्व पैमाने पर अपशिष्ट जल का उपचार और पुन: उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड ने भारत के वित्तीय परिदृश्य में एक नया अध्याय लिखा, जो शहरी बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए एक संधारणीय मॉडल प्रदान करता है. केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के समर्थन से यह परियोजना सिर्फ़ एक जल उपचार सुविधा से कहीं अधिक है. यह भारत भर के भविष्य के शहरों के लिए वित्तीय अनुशासन को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ जोड़ने का खाका है.
इस पहल के केंद्र में तृतीयक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) है, जो एक तकनीकी चमत्कार है, जो माइक्रोफिल्ट्रेशन, अल्ट्राफिल्ट्रेशन, नैनोफिल्ट्रेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) सहित उन्नत मेम्ब्रेन फिल्ट्रेशन तकनीकों का उपयोग करता है. ये अत्याधुनिक तकनीकें यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करती हैं कि उपचारित पानी उच्चतम मानकों को पूरा करता है, जिससे यह औद्योगिक प्रक्रियाओं में पुन: उपयोग के लिए उपयुक्त हो जाता है.
40 एमएलडी की उपचार क्षमता के साथ टीएसटीपी एक विशाल 95 किलोमीटर पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जो गाजियाबाद में 1,400 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को उपचारित पानी पहुंचाता है. यह प्लांट सुनिश्चित करता है कि अपशिष्ट जल अब बर्बाद न हो, बल्कि इसके बजाय एक मूल्यवान संसाधन में बदल जाए, जो शहर के औद्योगिक क्षेत्र का समर्थन करता है. इससे मीठे पानी के स्रोतों पर निर्भरता कम होती है.
टीएसटीपी को पब्लिक-प्राइवेट हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल के तहत विकसित किया गया था, जिसमें 40% नगरपालिका निधि थी. इस सार्वजनिक-निजी भागीदारी दृष्टिकोण ने वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करते हुए परियोजना के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने में मदद की. ग्रीन बॉन्ड जारी करने के माध्यम से 150 करोड़ रुपये जुटाने में गाजियाबाद नगर निगम की सफलता ने शहर के सतत दृष्टिकोण में निवेशकों के विश्वास को प्रदर्शित किया और शहरी स्थानीय निकाय में वित्तीय पारदर्शिता और अनुशासन का एक नया स्तर लाया है.
वेस्ट सफ़ोक कॉलेज, इंग्लैंड के 22 छात्रों और 4 संकाय सदस्यों की एक टीम ने एक्सपोज़र विजिट के हिस्से के रूप में गाजियाबाद नगर निगम का दौरा किया. टीम ने टीएसटीपी प्लांट और अन्य नगर निगम परियोजनाओं के बारे में जानकारी हासिल की.
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/ दधिबल यादव