अररिया, 04 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।
अररिया महिला थाना कांड संख्या 06/2024 भादवि की धारा 376 के आरोप में डेढ़ साल से बंद आरोपित ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होकर केस के शीघ्र निष्पादन को लेकर गुहार लगाई।
बंदी 31 मार्च 2024 से ही जेल में सत्र बाद संख्या 333/24 में बंद है। साक्ष्य के लिए मामले को लेकर केस की सुनवाई नहीं हो पा रही है। केस की सुनवाई को लेकर अगली तारीख 18 सितम्बर 2025 निर्धारित की गई है। गुरुवार को आरोपित ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एडीजे प्रथम कोर्ट में उपस्थित हुए और केस की सुनवाई नहीं होने को लेकर अपनी व्यथा कोर्ट के समक्ष व्यक्त की।
आरोपित बंदी ने न्यायालय को बताया कि उच्च न्यायालय पटना के आदेश के आलोक में भी मामले का निष्पादन समय सीमा के भीतर नहीं किए जाने से वह मानसिक पीड़ा में है। मामले में उच्च न्यायालय पटना ने क्रिमिनल मिसलेनियस 39851/2024 में 31 जुलाई 2025 को आदेश जारी किया था कि वाद का निष्पादन छह महीने की अवधि में किया जाय,लेकिन एक साल बीत जाने के बाबजूद भी मामले का निष्पादन नहीं हो सका। जबकि कोर्ट के आदेश में 21 जुलाई 2025 को महिला थाना को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया था कि वाद के शेष बचे साक्षियों का परीक्षण करवाई जाय।
बावजूद इसके जब साक्षी प्रस्तुत नहीं हुए तो कोर्ट ने 12 अगस्त 2025 को अररिया एसपी को पत्रांक 227 के माध्यम से निर्देशित किया गया था कि महिला थानाध्यक्ष को स्वयं साक्ष्य पेश करने हेतु निर्देश दें। 4 सितम्बर 2025 को आज न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित किया कि महिला थानाध्यक्ष को आदेश के अनुपालन में कोई रूचि नहीं हैं और यदि महिला थानाध्यक्ष उनके निर्देशों का पालन करने का इच्छुक नहीं है तो उनका वेतन तत्काल बंद करके उनके विरुद्ध कर्तव्यों में लापरवाही बरतने को लेकर डीजीपी पटना को सूचित करें।आरोपी भादवि की धारा 376 के आरोपी है और महिला थाना कांड संख्या 06/2024 का नामजद आरोपी है।
(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर
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