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नेशनल हेराल्ड मामले में एक पैसे का लेन-देन नहीं तो फिर घोटाला कैसे? : गहलाेत

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जयपुर, 16 अप्रैल . पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वक्फ बोर्ड बिल, रूह अफजा विवाद और नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. गहलोत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट दायर की गई है. भाजपा के लोग पागल हो गए हैं. आजादी से पहले नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया गया था ताकि आजादी की लड़ाई में शामिल कांग्रेस की आवाज जनता तक पहुंचे. बीच में अखबार बंद हो गया, कांग्रेस ने इसे फिर जिंदा किया, नई कमेटी बनानी पड़ी यंग इंडियन. इस पूरे मामले में जो कंपनी बनी, वो नॉन प्रॉफिट मेकिंग वाली कंपनी थी.

आप एक पैसे का प्रॉफिट नहीं कमा सकते. एक नए पैसे का कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ. एक नए पैसे का लेनदेन नहीं, कंपनी बनी उसका कोई प्रॉफिट हो ही नहीं सकता. उसमें प्रॉफिट नहीं आ सकता, कॉमर्शियल काम हो नहीं सकते. जब कॉमर्शियल काम नहीं हो सकते हैं, नॉन प्रॉफिट कंपनी बनी है फिर घोटाला क्या हुआ?

गहलोत बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकाराें से बातचीत कर रहे थे.

उन्हाेंने कहा कि इनका (बीजेपी सरकार) दुस्साहस देखो, इस तरह पेश किया गया जैसे बहुत बड़ा घोटाला हो गया हो. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से चार दिन तक दिल्ली में ईडी ने पूछताछ की. उन सबको लेकर आपने पूरे देश में तमाशा बना दिया. जो प्रॉफिट नहीं बना सकते हैं, यह बताएं घोटाला कहां हो गया? ये जो लोग तमाशा कर रहे हैं ये भारी पड़ेंगे, जनता समझ जाएगी. जब कोई लेन-देन हुआ ही नहीं है तो इसमें मनी लॉन्ड्रिंग कहां हुई है, लेकिन यह तमाशा है. इनका ग्राफ नीचे आता जा रहा है. ये लोग (बीजेपी सरकार) कुछ भी कर सकते हैं. वक्फ बोर्ड का बिल लेकर आ गए, अब वक्फ बोर्ड के अंदर हिंदू लोग बैठेंगे. क्या तमाशा बना रखा है?

उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुओं का देवस्थान विभाग है, उसमें मुस्लिम बैठ सकते हैं क्या? सिख, ईसाई दूसरे धर्मावलंबी बैठते हैं क्या? मुसलमानों का जो वक्फ बोर्ड है, उसमें आप हिंदुओं को बिना मतलब क्यों बिठा रहे हो? जान-बूझकर यह प्रयोग कर रहे हो. यह डेमोक्रेसी में अच्छी बात नहीं है. धर्म के नाम पर अपने देश को बांट दिया.

गहलोत ने बाबा रामदेव के रूह अफजा वाले बयान को लेकर पलटवार किया. गहलोत ने कहा कि अब तो रूह अफजा पर भी सवाल उठ रहा है. हम बचपन से रूह अफजा पीते आए हैं. रूह अफजा की देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान है. अब बाबा रामदेव कह रहे हैं रूह अफजा भी मस्जिद बनाएगा, दरगाह चलाएगा.

अब बाबा रामदेव कॉमर्शियल आदमी बन गए, उन्हें भगवान को छोड़ देना चाहिए. अब वो देश के बड़े उद्योगपति हो गए हैं, उनको अब उद्योगपति की तरह बिहेव करना चाहिए.

आप सोच सकते हो देश किस दिशा में जा रहा है? बहुत चिंताजनक स्थिति है. देश किस दिशा में जा रहा है किसी को नहीं मालूम. किस दिशा में जाएगा, कोई नहीं जानता.

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/ रोहित

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