वाशिंगटन, 09 अगस्त (Udaipur Kiran) । ट्रंप प्रशासन ने संघीय वित्त पोषण को लेकर चल रही व्यापक लड़ाई के बीच यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) के साथ एक अरब डॉलर के समझौते का प्रस्ताव रखा है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय स्कूल प्रणाली के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि इतनी बड़ी राशि के भुगतान से विश्वविद्यालय पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय स्कूल प्रणाली के अध्यक्ष जेम्स बी. मिलिकेन ने कहा कि न्याय विभाग ने समझौते पर एक दस्तावेज भेजा है। इसकी समीक्षा की जा रही है। समझौते की पेशकश से पहले बुधवार को प्रशासन यूसीएलए के लिए 58.4 करोड़ डॉलर के संघीय अनुदान को रोक चुका है।
मिलिकेन ने कहा कि समझौते में प्रस्तावित भुगतान अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय के रूप में हम करदाताओं के संसाधनों के संरक्षक हैं और इस पैमाने का भुगतान हमारे देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक विश्वविद्यालय प्रणाली को पूरी तरह से तबाह कर देगा, साथ ही हमारे विद्यार्थियों और सभी कैलिफोर्नियावासियों को बहुत नुकसान पहुंचाएगा।
न्याय विभाग ने पिछले महीने जुलाई में कहा था किअनुदान पर रोक एक जांच के बाद लगाई गई है। जांच में पाया गया कि यूसीएलए ने यहूदी और इजराइली विद्यार्थियों के लिए शत्रुतापूर्ण शैक्षिक वातावरण बनाने में जानबूझकर उदासीनता बरतकर संघीय नागरिक अधिकार कानून का उल्लंघन किया।
न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग ने कहा कि विश्वविद्यालय 07 अक्टूबर, 2023 (जिस दिन इइराइल पर हमास के नेतृत्व में आतंकवादी हमला हुआ था) के बाद से परिसर में अपने यहूदी और इजराइली विद्यार्थियों के उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकायतों का पर्याप्त जवाब देने में विफल रहा।
न्याय विभाग की घोषणा के बाद एक बयान में अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने कहा था, विद्यार्थियों के खिलाफ नागरिक अधिकारों का यह घृणित उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्याय विभाग यूसीएलए को यहूदी अमेरिकियों को खतरे में डालने के लिए भारी कीमत चुकाने के लिए मजबूर करेगा और यूसी प्रणाली के अन्य परिसरों में चल रही जांच जारी रहेगी। इसके कुछ दिन बाद यूसीएलए ने घोषणा की कि उसे कथित यहूदी-विरोधी गतिविधियों के कारण संघीय अनुसंधान निधि से वंचित कर दिया गया है।
यूसीएलए के चांसलर जूलियो फ्रेंक ने बुधवार को एक बयान में कहा कि स्कूल को उम्मीद है कि वह इस निधि को बहाल करने के लिए काम करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की रोक के प्रतिकूल परिणाम होंगे। फ्रेंक ने कहा, इन निधियों का निलंबन न केवल उन शोधकर्ताओं के लिए नुकसानदेह है जो महत्वपूर्ण अनुदानों पर निर्भर हैं, यह देशभर के उन अमेरिकियों के लिए भी नुकसानदेह है जिनका काम, स्वास्थ्य और भविष्य हमारे अभूतपूर्व अनुसंधान और छात्रवृत्ति पर निर्भर करता है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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