बलरामपुर, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भेस्की में पहाड़ी कोरवा बुजुर्ग ने भू-माफिया और क्रशर संचालक की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। अब इस मामले में नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं इससे पूर्व छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक जुलाई को क्रशर संचालक विनोद अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज की थी। क्रशर संचालकों के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए बलरामपुर पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर नोटिस जारी भी कर दिया है।
बलरामपुर एसपी वैभव बेंकर ने आज रविवार को बताया कि राजपुर थाना अंतर्गत भेस्की में बीते 22 अप्रैल को भईरा पहाड़ी कोरवा (उम्र 65) ने क्रशर संचालक विनोद अग्रवाल और उसके साथी की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी के फंदे से लटकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में विनोद अग्रवाल, उसके भाई प्रवीण अग्रवाल सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ राजपुर पुलिस ने धोखाधड़ी और पहाड़ी कोरवा को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था।
जिला न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपित विनोद अग्रवाल ने बिलासपुर हाइकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। बलरामपुर पुलिस सरकारी वकील की सहायता से विरोध करते हुए अपना पक्ष रखा। बिलासपुर हाइकोर्ट ने एक जुलाई को आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अब आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां से भी आरोपितों को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सात अगस्त को याचिका खारिज की।
क्रशर संचालकों के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए बलरामपुर पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर नोटिस जारी भी कर दिया है।
अब समझते है क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी अनुसार, नवंबर माह के वर्ष 2024 में विनोद अग्रवाल ने भईरा कोरवा की पत्नी जुबारो बाई के नाम दर्ज संयुक्त खाते की लगभग 6 एकड़ जमीन को 14 लाख रूपये के फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करवा ली। यह रजिस्ट्री राजपुर तहसील कार्यालय में शिवराम नगेशिया ग्राम भेस्की थाना राजपुर के नाम कराई गई थी। हैरानी की बात तो यह थी कि, यह रजिस्ट्री बिना कलेक्टर की अनुमति के कराई गई। जमीन खाली करने के लिए दबाव बनाए जाने और बार बार धमकी से परेशान होकर अंततः 22 अप्रैल को भईरा कोरवा ने अपने ही घर में फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। मामला जंगल में आग की तरह फैल गया गया। पहाड़ी कोरवा की आत्महत्या काफी सेंसिटिव हो गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। पुलिस ने फर्जी तरीके से विशेष संरक्षित कोरवा जनजाति परिवार के संयुक्त खाते की जमीन रजिस्ट्री कराने के मामले में पुलिस ने क्रशर संचालकों, पटवारी, पंजीयक सहित अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। बाद में आरोपितों के खिलाफ पहाड़ी कोरवा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में धारा 108 का जुर्म दर्ज किया गया है।
मामले में फरार विनोद अग्रवाल उर्फ मघु के खिलाफ बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) दो माह पहले ही जारी कर दिया है। लुक आउट सर्कुलर जारी होने के बाद आरोपित यदि हवाई या जल मार्ग से कहीं भागने का प्रयास करता है तो उसे सीमा पर पकड़ लिया जाएगा। हालांकि आरोपित के नेपाल की ओर भागने की संभावना है। आरोपित सिर्फ सड़क मार्ग से या फिर गैर कानूनी तरीके से ही कहीं भाग सकता है।
एसपी वैभव बैंकर ने मामले में विनोद अग्रवाल उर्फ मघु, प्रवीण अग्रवाल, राजेन्द्र मिंज, राजू कौशिक सहित अन्य आरोपितों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम भी तीन महीने पहले घोषित किया है। बलरामपुर एसपी वैभव बेंकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। हम आरोपिताें की गिरफ्तारी की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने क्रशर संचालकों के राजपुर निवासी बड़े भाई महेंद्र अग्रवाल, सहयोगी अमित कुमार गुप्ता निवासी बलरामपुर, पटवारी रजाउल हसन निवासी उदारी, लुंड्रा, शिवा राम नगेशिया, उदय शर्मा और कमला को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपित जेल भेज दिए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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