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सोनीपत में बाबा जिंदानाथ मेला बना आस्था व भक्ति का संगम

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-हरियाणा,

दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़ से लाखों श्रद्धालु पहुंचे

सोनीपत, 11 अप्रैल . सोनीपत के गांव मोई माजरी में बाबा जिंदानाथ के पवित्र धाम

पर आयोजित दो दिवसीय मेला श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का अनुपम संगम बनकर समाप्त हाे गया. इस मेले में हरियाणा, दिल्ली,

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़ से लाखों श्रद्धालु इस मेले में शामिल हुए.

यह मेला आध्यात्मिक तीर्थ का स्वरूप ले चुका था, जहां श्रद्धालु वाहनों, मोटरसाइकिलों

और पैदल पहुंचे. आसपास के गांवों से आने वाले मार्गों पर दो-दो किलोमीटर लंबी वाहन

कतारें श्रद्धा की गवाही दे रही थी.

मेले में श्रद्धालु सबसे पहले भूमि को प्रणाम कर मिट्टी का

तिलक लगाते,तालाब की मिट्टी निकालते और अपने पशुओं का दूध समर्पित करते देखे गए. मुख्य द्वार

से प्रवेश कर जोत जलाकर प्रार्थना की जाती है. झाड़ू समर्पण और गुड़ की भेली चढ़ाकर श्रद्धालु

अपनी आस्था व्यक्त करते हैं. बाबा जिंदानाथ की समाधि पर विश्व की अनोखी देवर-भाभी पूजा

आकर्षण का केंद्र रही. जसपाल राणा और माता गुल्याणी की समाधि पर श्रद्धालु माथा टेकते,

जो सामाजिक रिश्तों को सम्मान का प्रतीक बनाता है. रोगों से मुक्ति पाने वाले भक्त

यहाँ शुकराना अर्पित करते हैं.

महंत बाबा बालक नाथ के सान्निध्य में यह मेला धार्मिक और सामाजिक

समागम का प्रतीक बना. महंत बाबा बालक नाथ ने संदेश में कहा कि यह मेला हिंदू समाज

में भाईचारे और सामूहिकता का सशक्त उदाहरण है. देशभर से आए श्रद्धालु जाति और प्रांत

से परे एक भाव में एकत्र हुए. बाबा जिंदानाथ का यह मेला केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि

आध्यात्मिक प्रेरणा, सामाजिक समरसता और भावनात्मक एकता का पर्व है. हर भक्त यहाँ से

शांति, आशीर्वाद और विश्वास लेकर लौटता है.

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शर्मा परवाना

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