जोधपुर, 02 सितम्बर (Udaipur Kiran) । प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार सुबह जोधपुर में एक और बड़ा बयान दिया है। इस बयान से एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
जोधपुर से जैसलमेर के मोहनगढ़ के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में परिवार और सद्भावना को लेकर कहा कि राजस्थान हम सबका परिवार है। मेरी कामना है कि यहां सभी लोग खुशहाल रहें। राजनीति में मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन समाज और परिवार की तरह आपसी मेल-जोल और सद्भावना सबसे बड़ा आधार है। अगर हम लड़ेंगे तो प्रॉब्लम होगी, लेकिन साथ रहेंगे तो समस्याएं हल हो सकती हैं।
राजे जैसलमेर के मोहनगढ़ में पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम के निधन पर शोक व्यक्त करने से पहले जोधपुर आईं थी। उन्होंने बाबा रामदेव की दशमी, वीर तेजाजी जयंती और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मेरी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत बाबा रामसा पीर के दर्शन से हुई थी। मुझे पहला आशीर्वाद देवता से मिला, फिर सभी समाज का समर्थन मिला। मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि रामसा पीर में हर किसी की मनोकामना पूरी होती है। समय लग सकता है, लेकिन विश्वास डगमगाना नहीं चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान एक परिवार है, हम सबका परिवार है। इसमें सभी धर्म और जाति के लोग आराम से प्यार से रहें, एक खुशहाली का वातावरण हो। अगर हम लड़ेंगे और अलग होंगे तो प्रॉब्लम होगी, साथ रहेंगे तो प्रदेश समृद्ध होगा। धार्मिक मामलों पर बोलते हुए राजे ने कहा कि ईश्वर के चरणों में शीश नवाने से मन की तमाम इच्छाएं और कामनाएं पूरी होती हैं। अगर लोग अपने आप पर विश्वास रखेंगे तो कोई समस्या नहीं होगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उद्देश्य सदैव जनता की सेवा और राजस्थान के विकास की राह को आगे बढ़ाना रहा है।
राजे के सियासी बयानों की चर्चा
बता दे कि पिछले कुछ दिनों में वसुंधरा राजे के बयानों ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। वनवास, धैर्य और अब परिवार जैसे शब्दों का इस्तेमाल उनके मौजूदा सियासी हालात से जोडक़र देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये बयान उनके समर्थकों और भाजपा आलाकमान के लिए एक संदेश हैं क्योंकि 28 अगस्त को धौलपुर में कथावाचक मुरलीधर महाराज की राम कथा के दौरान राजे ने कहा था कि आजकल की दुनिया बड़ी अजीब है। जिसे अपना समझा, वही पराया हो जाता है। लेकिन परिवार के लिए हर किसी की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में परिवार की बहू, मां, बेटी को अपना काम करना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा था कि वनवास सिर्फ भगवान राम की जिंदगी का हिस्सा नहीं है। हर इंसान के जीवन में वनवास आता है, लेकिन वह स्थायी नहीं होता। रामजी ने हमें धैर्य का महत्व सिखाया है। दुनिया में कोई चीज स्थायी नहीं है, इसलिए मन में गठान बांधने की जरूरत नहीं।
(Udaipur Kiran) / सतीश
You may also like
अमरकंटक रामसेतु पर लगा तड़ित चालक हवा के झोंके से गिरा
तान्या मित्तल की बिग बॉस 19 में शानदार जीवनशैली और विवादित पल
K. Kavitha Resigns From BRS: के. कविता ने बीआरएस और एमएलसी पद से दिया इस्तीफा, पिता चंद्रशेखर राव ने पार्टी से किया था सस्पेंड
फारूक अब्दुल्ला के जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल पर बोले राजद प्रवक्ता
Blood cancer symptoms: भारत में युवाओं में बढ़ रहा है यह ब्लड कैंसर; नई थेरेपी गंभीर बीमारी के लिए फायदेमंद साबित