Health Tips : हम सभी चाहते हैं कि हमारा शरीर और मन स्वस्थ रहे। इसके लिए एक्सरसाइज को बेहद जरूरी माना जाता है। खास तौर पर डीप ब्रीदिंग यानी गहरी सांस लेने की कसरत को लोग मन की शांति और अच्छी सेहत का राज बताते हैं।
कुछ का तो ये भी मानना है कि अगर सोने से पहले हर दिन गहरी सांस ली जाए, तो हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है। लेकिन क्या ये सचमुच इतना आसान है? आइए, इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं और समझते हैं कि हार्ट अटैक होता क्यों है और डीप ब्रीदिंग इसमें कितनी मदद कर सकती है।
हार्ट अटैक क्यों बनता है मुसीबत?
हार्ट अटैक कोई छोटी-मोटी परेशानी नहीं, बल्कि एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। ये तब होता है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली नसें किसी रुकावट की वजह से सिकुड़ जाती हैं। नतीजा ये कि दिल के टिशू तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे वो खराब होने लगते हैं और हार्ट अटैक की नौबत आ जाती है।
इसके लक्षण भी कम डरावने नहीं होते—सीने में तेज दर्द, गर्दन या बाहों में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ, थकान, घबराहट और दिल की धड़कन का अनियमित होना। खास बात ये कि महिलाओं में ये संकेत पुरुषों से थोड़े अलग और जटिल हो सकते हैं।
क्या डीप ब्रीदिंग है हार्ट अटैक का इलाज?
अब सवाल ये उठता है कि क्या गहरी सांस लेने से हार्ट अटैक को रोका जा सकता है? विशेषज्ञों की मानें तो डीप ब्रीदिंग सीधे तौर पर हार्ट अटैक का खतरा कम नहीं करती। ये सच है कि ये एक्सरसाइज दिल की नसों में जमी प्लाक या रुकावट को खत्म नहीं कर सकती।
लेकिन हां, ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और तनाव को कम करने में मदद जरूर करती है। इससे आपका नर्वस सिस्टम शांत रहता है, दिल की धड़कन संतुलित होती है और कुल मिलाकर दिल की सेहत बेहतर रहती है। फिर भी, सिर्फ इस एक तरीके पर भरोसा करके हार्ट अटैक से बचना मुमकिन नहीं।
हार्ट अटैक का खतरा किन वजहों से बढ़ता है?
हार्ट अटैक का जोखिम आपकी जिंदगी जीने के तरीके और कुछ हद तक आपके जीन पर निर्भर करता है। अगर आप अपनी लाइफस्टाइल को संतुलित रखते हैं, तो इस खतरे को काफी कम किया जा सकता है। चलिए, उन बड़ी वजहों पर नजर डालते हैं जो हार्ट अटैक को न्योता देती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी परेशानियां हार्ट अटैक की आशंका को कई गुना बढ़ा देती हैं। इसके अलावा, अगर वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए, तो दिल पर बोझ पड़ता है और नसों में चर्बी जमा होने का खतरा बढ़ जाता है।
तनाव भी कम खतरनाक नहीं—ज्यादा स्ट्रेस से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो दिल के लिए मुसीबत बन सकता है। स्मोकिंग और शराब का सेवन भी नसों को नुकसान पहुंचाता है। और हां, अगर परिवार में किसी को पहले हृदय रोग रहा हो, तो ये खतरा जेनेटिकली भी बढ़ सकता है।
हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?
अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ डीप ब्रीदिंग से हार्ट अटैक को अलविदा कह दिया जाए, तो ये तरीका अधूरा है। असल में, हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनी पूरी लाइफस्टाइल को दुरुस्त करना पड़ता है।
रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, संतुलित खानपान, तनाव से निपटने के तरीके और अच्छी आदतें अपनाना जरूरी है। बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें, तंबाकू-शराब से दूरी बनाएं और हर कुछ महीने में हेल्थ चेकअप करवाएं।
डीप ब्रीदिंग भले ही हार्ट अटैक को सीधे न रोक सके, लेकिन ये तनाव कम करने और ब्लड प्रेशर को संभालने में आपका साथी बन सकती है। इसके साथ-साथ अच्छी डाइट, योग, मेडिटेशन और एक हेल्दी रूटीन अपनाकर आप अपने दिल को मजबूत और जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं।
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